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chast namaz time in hyderabad हैदराबाद में नमाज़ का समय


हर महीने के औसतन समय

महीनासूर्योदयचास्त का समय शुरूचास्त का समय खत्म
जनवरी06:50 AM07:10 AM11:45 AM
फरवरी06:40 AM07:00 AM11:40 AM
मार्च06:20 AM06:40 AM11:30 AM
अप्रैल06:00 AM06:20 AM11:20 AM
मई05:45 AM06:05 AM11:10 AM
जून05:40 AM06:00 AM11:00 AM
जुलाई05:50 AM06:10 AM11:10 AM
अगस्त06:00 AM06:20 AM11:20 AM
सितम्बर06:10 AM06:30 AM11:30 AM
अक्टूबर06:20 AM06:40 AM11:35 AM
नवम्बर06:35 AM06:55 AM11:40 AM
दिसम्बर06:45 AM07:05 AM11:45 AM

हैदराबाद में चास्त नमाज़ का समय

चास्त नमाज़ क्या है?

चास्त नमाज़, जिसे duha prayer भी कहा जाता है, इस्लाम में एक नफ्ल (स्वेच्छा से पढ़ी जाने वाली) नमाज़ है। यह सूरज निकलने के कुछ समय बाद और ज़ुहर (दोपहर की नमाज़) से पहले पढ़ी जाती है। इसे अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने बहुत पसंद किया और इसकी विशेष फज़ीलत बताई।







इस्लाम में चास्त नमाज़ का महत्व

हदीसों के अनुसार, जो व्यक्ति चास्त की दो रकात पढ़ता है, अल्लाह तआला उसकी परेशानियों में आसानी करते हैं। यह नमाज़ उस शुकरगुज़ारी का प्रतीक है जो इंसान अपने शरीर के हर जोड़ के लिए करता है।

कुरान और हदीस में इसका उल्लेख

चास्त नमाज़ का सीधा उल्लेख कुरान में नहीं मिलता लेकिन हदीसों में बहुत विस्तार से बताया गया है। हज़रत अबू हुरैरा (र.अ.) ने फरमाया कि रसूलुल्लाह (ﷺ) ने मुझे तीन चीज़ों की वसीयत की — उनमें से एक चास्त की दो रकात पढ़ना था।


चास्त नमाज़ का समय कब शुरू होता है?

सूरज निकलने के बाद का समय

सूरज निकलने के लगभग 15-20 मिनट बाद से चास्त नमाज़ का वक़्त शुरू होता है। इसे पढ़ने के लिए दिन के पहले हिस्से में समय निकालना होता है।

आखिर तक कब पढ़ सकते हैं?

ज़ुहर की नमाज़ से थोड़ी देर पहले तक यह नमाज़ पढ़ी जा सकती है। लेकिन सबसे बेहतर समय वह होता है जब सूरज थोड़ा ऊपर चढ़ चुका हो और वातावरण हल्का गर्म हो जाए — यानि दिन के पहले चौथाई हिस्से में।


हैदराबाद में 2025 के अनुसार चास्त नमाज़ का अनुमानित समय

यह समय सूर्योदय पर निर्भर करता है, और साल भर बदलता रहता है। नीचे हम हर महीने का औसतन समय दे रहे हैं।

ध्यान दें: यह समय अनुमानित है और मौसम व तारीख़ के अनुसार थोड़ा बहुत बदल सकता है।


चास्त नमाज़ कैसे पढ़ें?

रकातों की संख्या

चास्त नमाज़ 2 से लेकर 12 रकात तक पढ़ी जा सकती है, लेकिन आमतौर पर 2, 4 या 8 रकात पढ़ना काफी होता है।

नीयत और तरीका

नीयत करें — “मैं दो रकात नफ्ल नमाज़ अल्लाह के लिए चास्त की पढ़ता/पढ़ती हूँ” — फिर सामान्य नफ्ल नमाज़ की तरह पढ़ें।


चास्त नमाज़ के लाभ

आध्यात्मिक लाभ

  • अल्लाह की रज़ा हासिल होती है।

  • बुरी आदतों से बचाव में मदद मिलती है।

  • दिन की शुरुआत अल्लाह की याद से होती है।

मानसिक और शारीरिक शांति

सुबह के समय की यह इबादत आपको मानसिक ताजगी देती है, जिससे आप दिनभर एनर्जेटिक महसूस करते हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या चास्त नमाज़ सुन्नत है या नफ्ल?

यह नफ्ल नमाज़ है, लेकिन इसकी बहुत बड़ी फज़ीलत है। रसूलुल्लाह (ﷺ) इसे नियमित पढ़ते थे।

क्या इसे रोज़ पढ़ना ज़रूरी है?

जरूरी नहीं, लेकिन हदीसों से पता चलता है कि जो लोग इसे नियमित पढ़ते हैं, उन्हें अल्लाह की खास रहमत मिलती है।



चास्त और Duha नमाज़ में फर्क

चास्त और Duha असल में एक ही नमाज़ है। "चास्त" शब्द उर्दू-हिंदी में बोला जाता है, जबकि "Duha" अरबी शब्द है। यह बस नाम का अंतर है।


महिलाएं चास्त नमाज़ कैसे पढ़ें?

महिलाएं घर पर आराम से यह नमाज़ पढ़ सकती हैं। इसकी कोई जमीनी पाबंदी नहीं है।


तकनीकी मदद से समय कैसे जानें?

मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स

  • Muslim Pro

  • IslamicFinder.org

  • Prayer Times App

हैदराबाद की मस्जिदों का टाइम टेबल

आप स्थानीय मस्जिद से संपर्क करके दैनिक समय की पुष्टि कर सकते हैं।


चास्त नमाज़ के बारे में गलत धारणाएं

क्या ये सिर्फ बुजुर्गों के लिए है?

नहीं, यह हर उम्र के मुसलमानों के लिए है। युवा और वयस्क दोनों पढ़ सकते हैं।

कामकाजी लोगों के लिए कैसे आसान बनाएं?

आप ऑफिस जाने से पहले या थोड़ी देर बाद, जब समय मिले, यह नमाज़ पढ़ सकते हैं।


नमाज़ के दौरान ध्यान केंद्रित कैसे रहें?

  • वुज़ू के समय ताज़गी महसूस करें

  • नियत पर फोकस करें

  • दिल से अल्लाह को याद करें


निष्कर्ष

हैदराबाद में चास्त नमाज़ का समय सूर्योदय के बाद से लेकर ज़ुहर से पहले तक होता है। यह एक सुंदर इबादत है जो आपके दिन को बर्कत और सुकून देती है। अगर आप भी अपने जीवन में सुकून, फुर्सत और रूहानी ताक़त चाहते हैं, तो चास्त की दो रकात ज़रूर अपनाएं।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. चास्त नमाज़ को कब पढ़ना बेहतर होता है?
Ans: सूरज निकलने के 20 मिनट बाद से लेकर ज़ुहर से थोड़ा पहले तक।

Q2. क्या चास्त नमाज़ में कोई खास दुआ पढ़ी जाती है?
Ans: नहीं, इसमें सामान्य नफ्ल की तरह ही दुआ पढ़ सकते हैं।

Q3. क्या चास्त नमाज़ हर दिन पढ़ना ज़रूरी है?
Ans: ज़रूरी नहीं, लेकिन पढ़ने से बहुत सवाब मिलता है।

Q4. अगर सूरज निकलते समय पढ़ लें तो क्या चास्त होगी?
Ans: नहीं, सूरज पूरी तरह निकलने के बाद ही पढ़नी चाहिए।

Q5. क्या बच्चों को भी यह नमाज़ सिखानी चाहिए?
Ans: हाँ, बड़ों को बच्चों को यह आदत डालनी चाहिए ताकि उनमें शुरू से अल्लाह की याद बनी रहे।

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