🌙 मुंबई में जनवरी से दिसंबर तक तहज्जुद का अनुमानित समय
महीना तहज्जुद की शुरुआत तहज्जुद का बेहतर समय फज्र का समय (लगभग) जनवरी 2:45 AM 3:30 AM - 4:45 AM 5:45 AM फरवरी 2:50 AM 3:40 AM - 4:50 AM 5:40 AM मार्च 3:00 AM 3:45 AM - 5:00 AM 5:35 AM अप्रैल 3:15 AM 4:00 AM - 5:10 AM 5:25 AM मई 3:25 AM 4:10 AM - 5:15 AM 5:20 AM जून 3:30 AM 4:15 AM - 5:20 AM 5:15 AM जुलाई 3:25 AM 4:10 AM - 5:15 AM 5:20 AM अगस्त 3:15 AM 4:00 AM - 5:10 AM 5:30 AM सितंबर 3:00 AM 3:45 AM - 5:00 AM 5:40 AM अक्टूबर 2:45 AM 3:30 AM - 4:45 AM 5:50 AM नवंबर 2:35 AM 3:20 AM - 4:40 AM 5:55 AM दिसंबर 2:30 AM 3:15 AM - 4:30 AM 6:00 AM
महीना | तहज्जुद की शुरुआत | तहज्जुद का बेहतर समय | फज्र का समय (लगभग) |
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जनवरी | 2:45 AM | 3:30 AM - 4:45 AM | 5:45 AM |
फरवरी | 2:50 AM | 3:40 AM - 4:50 AM | 5:40 AM |
मार्च | 3:00 AM | 3:45 AM - 5:00 AM | 5:35 AM |
अप्रैल | 3:15 AM | 4:00 AM - 5:10 AM | 5:25 AM |
मई | 3:25 AM | 4:10 AM - 5:15 AM | 5:20 AM |
जून | 3:30 AM | 4:15 AM - 5:20 AM | 5:15 AM |
जुलाई | 3:25 AM | 4:10 AM - 5:15 AM | 5:20 AM |
अगस्त | 3:15 AM | 4:00 AM - 5:10 AM | 5:30 AM |
सितंबर | 3:00 AM | 3:45 AM - 5:00 AM | 5:40 AM |
अक्टूबर | 2:45 AM | 3:30 AM - 4:45 AM | 5:50 AM |
नवंबर | 2:35 AM | 3:20 AM - 4:40 AM | 5:55 AM |
दिसंबर | 2:30 AM | 3:15 AM - 4:30 AM | 6:00 AM |
तहज्जुद नमाज़ क्या है?
तहज्जुद का शाब्दिक अर्थ
"तहज्जुद" शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका मतलब होता है — रात में नींद से उठकर इबादत करना। यह कोई साधारण नमाज़ नहीं, बल्कि अल्लाह से गहरे और निजी संवाद का एक खास ज़रिया है।
इस्लामी दृष्टिकोण से महत्व
कुरान और हदीस में तहज्जुद को विशेष स्थान दिया गया है। अल्लाह ने इसे अपने खास बंदों की पहचान बताया है। यह नमाज़ उन लोगों के लिए है जो रात के सन्नाटे में उठकर रब से अपने दिल की बात कहते हैं।
तहज्जुद नमाज़ का समय कब होता है?
रात का कौन सा हिस्सा?
तहज्जुद नमाज़ का समय रात के दूसरे हिस्से से शुरू होकर फज्र की आजान से कुछ पहले तक होता है। यानी जब रात की नींद गहरी हो और दुनिया शांत, तभी यह नमाज़ अल्लाह को सबसे प्यारी होती है।
सहरी और फज्र के बीच का समय
सबसे उत्तम समय फज्र से लगभग एक घंटा पहले का माना जाता है। इस समय को "सहर का वक्त" भी कहते हैं, जब अल्लाह की रहमतें ज़मीन पर बरसती हैं।
मुंबई में तहज्जुद का सटीक समय
मुंबई की भौगोलिक स्थिति और उसका प्रभाव
मुंबई भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है। यहाँ सूरज थोड़ा देर से निकलता है, जिससे फज्र और सहरी का समय भी थोड़ा आगे खिसक जाता है। इसी के अनुसार तहज्जुद का समय भी रात के 2:30 से लेकर फज्र तक (लगभग 5:00 AM) तक होता है।
प्रतिदिन समय कैसे बदलेगा?
साल भर यह समय थोड़ा-थोड़ा बदलता रहता है। रमज़ान में सहरी का समय जल्दी हो जाता है, इसलिए तहज्जुद का समय भी और पहले शिफ्ट हो जाता है।
रमज़ान और बाकी महीनों में फर्क
रमज़ान में लोग सहरी के लिए उठते ही हैं, इसलिए उस समय तहज्जुद पढ़ना आसान हो जाता है। बाकी महीनों में इसे आदत बनाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
तहज्जुद के लिए कैसे तैयार हों?
सही नीयत और मनोस्थिति
तहज्जुद सिर्फ नमाज़ नहीं, बल्कि दिल की पुकार है। नीयत साफ और दिल में अल्लाह का खौफ़ और मोहब्बत होनी चाहिए।
रात को जल्दी सोने की आदत
यदि आप तहज्जुद की आदत डालना चाहते हैं, तो सबसे जरूरी है जल्दी सोना। तभी आप रात के तीसरे पहर उठकर इबादत कर पाएंगे।
तहज्जुद नमाज़ कैसे पढ़ें?
रकातों की संख्या
तहज्जुद की कम से कम 2 रकात और अधिकतम 8 या 12 रकात तक पढ़ी जा सकती है। इसे 2-2 रकात में पढ़ना अफ़ज़ल माना गया है।
नीयत और तरीका
नीयत के साथ बिस्मिल्लाह कहकर नमाज़ शुरू करें। हर रकात में सूरा फातिहा के बाद कोई और सूरा पढ़ें। सजदे में जाकर दिल खोलकर दुआ करें।
दुआ और सजदे की महत्ता
तहज्जुद का असली मजा सजदे और दुआ में है। रात की तन्हाई में मांगी गई दुआ कभी खाली नहीं जाती — ऐसा माना जाता है।
तहज्जुद की दुआओं की ताक़त
गुनाहों की माफी
तहज्जुद वो दरवाज़ा है, जहाँ रो-रो कर तौबा की जा सकती है। अल्लाह फ़रमाता है – “मैं हर रात को उतरता हूँ और पूछता हूँ – है कोई मुझसे मांगने वाला?”
दिल की सुकून और अल्लाह से नज़दीकी
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में तहज्जुद एक सुकून देने वाला तोहफा है। अल्लाह से गहराई से जुड़ने का यह सबसे अच्छा ज़रिया है।
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