🗓 जून 2025 में हैदराबाद का तहज्जुद समय (उदाहरण)
मान लीजिए:
ईशा का वक़्त: 8:10 PM
फज्र का वक़्त: 4:15 AM
तो रात का अंतिम तिहाई हिस्सा लगभग 1:45 AM से 4:15 AM तक होगा। यही समय तहज्जुद का सबसे उम्दा समय है।
📌 तहज्जुद नमाज़ क्या है?
तहज्जुद एक नफ़्ल (ऐच्छिक) नमाज़ है जो रात के दौरान, विशेष रूप से तीसरे पहर में अदा की जाती है। यह नमाज़ अल्लाह से गहराई से जुड़ने का एक अनमोल माध्यम है। यह नमाज़ उस समय पढ़ी जाती है जब अधिकतर लोग सो रहे होते हैं – यानी रात के सन्नाटे में, जब दिल सबसे सच्चा होता है और ज़ुबान से निकली दुआ सीधी अल्लाह तक पहुंचती है।
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tahajjud time in hyderabad हैदराबाद में तहज्जुद का समय |
📖 कुरान और हदीस में तहज्जुद का स्थान
कुरआन की सूरा इसरा (17:79) में अल्लाह ने रसूल (स.अ.) को तहज्जुद अदा करने का आदेश दिया:
"और रात में कुछ हिस्सा उसमें उठ कर नमाज़ पढ़ो — यह तुम्हारे लिए अतिरिक्त (नफ्ल) है।"
हदीसों में भी तहज्जुद की बहुत तारीफ की गई है। नबी करीम (स.अ.) ने इसे सबसे बेहतरीन इबादतों में से एक बताया है।
📜 इस्लामी इतिहास में तहज्जुद की भूमिका
अनेक सहाबा, ताबईन और औलिया अल्लाह ने इस नमाज़ को कभी नहीं छोड़ा। यह उनके इमान की ताकत और तक़वा का प्रमाण था।
⏰ तहज्जुद का सही समय कब होता है?
🌃 रात के अंतिम तिहाई हिस्से का महत्व
इस्लामी समय अनुसार, तहज्जुद का सबसे बेहतरीन समय रात के अंतिम तीसरे हिस्से में होता है। अगर सूरज डूबने और फज्र के समय के बीच 9 घंटे हैं, तो आखिरी 3 घंटे तहज्जुद के लिए सबसे उत्तम माने जाते हैं।
🕌 फज्र और ईशा के बीच का समय
तहज्जुद ईशा की नमाज़ के बाद शुरू हो सकता है, लेकिन सोने के बाद उठकर पढ़ना अधिक सवाब (पुण्य) का कारण होता है।
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📍 हैदराबाद में तहज्जुद का समय कैसे निर्धारित करें?
📱 इस्लामिक ऐप्स का उपयोग
आप "Muslim Pro", "IslamicFinder", या "Namaz Time India" जैसी ऐप्स से हैदराबाद में तहज्जुद का सटीक समय जान सकते हैं।
🏠 स्थानीय मस्जिदों से संपर्क
कई मस्जिदों में इमाम साहब फज्र से पहले माइक पर तहज्जुद का एलान करते हैं। वहां से भी सही समय पता किया जा सकता है।
🙏 तहज्जुद की नमाज़ कैसे पढ़ें?
🧎♂️ नियत और शुरुआत
"मैं तहज्जुद की 2 रकअत नमाज़ अल्लाह के लिए पढ़ता हूँ" — इस नियत से शुरू करें।
🔢 रकअत की संख्या
कम से कम 2 और अधिकतम 8 या 12 रकअत पढ़ सकते हैं। नबी (स.अ.) अक्सर 8 रकअत पढ़ते थे, फिर वित्र नमाज़ अदा करते थे।
📿 तहज्जुद की विशेष दुआएं
तहज्जुद में लंबी दुआएं करना अच्छा माना जाता है। अपनी ज़रूरतों, गुनाहों की माफ़ी और रहमत की दुआ करें।
🌟 तहज्जुद की अद्भुत फायदे
🧠 मानसिक शांति और आत्मिक जुड़ाव
इस समय की शांति और एकांत मन को बहुत राहत देता है।
👐 दुआओं की कुबूलियत
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यह समय अल्लाह के सबसे करीब का वक्त माना जाता है, जब दुआएं बहुत जल्दी कबूल होती हैं।
😴 नींद से जागना कठिन? - आसान टिप्स
📅 सही रूटीन बनाना
जल्दी सोना और सोने से पहले नियत करना जरूरी है।
⏰ अलार्म और साथी की मदद
फोन पर अलार्म लगाएं या घर के किसी सदस्य से कहें कि आपको उठाएं।
👩🦱 क्या महिलाएं तहज्जुद पढ़ सकती हैं?
🏠 घर पर तहज्जुद की इजाज़त
महिलाएं भी तहज्जुद पूरी तरह से पढ़ सकती हैं, और उन्हें घर में पढ़ना अधिक उचित है।
🧕 महिलाओं के लिए सलाह
अगर महिलाएं बच्चों की देखभाल में व्यस्त हैं, तो 2 रकअत भी काफी हैं — अल्लाह नीयत को देखता है।
🕋 तहज्जुद और तक़वा (ईश्वरभक्ति)
तहज्जुद अल्लाह से जुड़ाव का सबसे अच्छा ज़रिया है। जो भी इस नमाज़ को अपनाता है, उसमें अल्लाह से डर और मोहब्बत दोनों बढ़ते हैं।
🧩 तहज्जुद से जुड़ी आम गलतफहमियाँ
😴 सोए बिना तहज्जुद?
कुछ लोग ईशा के बाद ही तहज्जुद पढ़ लेते हैं। हालांकि सोने के बाद उठकर पढ़ना ज्यादा बेहतर है।
📜 क्या यह फर्ज़ है?
नहीं, तहज्जुद फर्ज़ नहीं बल्कि नफ्ल नमाज़ है, लेकिन इसका सवाब बेहद बड़ा है।
👶 बच्चों को तहज्जुद सिखाने के तरीके
छोटे बच्चों को 1 रकअत से शुरू कराना, और उनके सामने खुद तहज्जुद पढ़ना उन्हें प्रेरित कर सकता है।
📚 इस्लामी विद्वानों की राय
बड़े आलिम जैसे इमाम ग़ज़ाली, इब्ने कसीर, और मौलाना तारिक जमील साहब ने तहज्जुद को "रूह की खुराक" कहा है।
🤲 दुआएं जो तहज्जुद में ज़रूर पढ़ें
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"اللهم اغفر لي ذنبي كله" (ऐ अल्लाह! मेरे सारे गुनाह माफ़ कर)
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"ربنا آتنا في الدنيا حسنة" (ऐ हमारे रब! हमें दुनिया में भलाई दे)
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अपनी ज़ुबान में दिल से दुआ करें।
✅ निष्कर्ष
हैदराबाद में तहज्जुद अदा करना कोई कठिन काम नहीं, बस दिल से नीयत होनी चाहिए। ये एक खास मौका है जब हम अल्लाह से अकेले में बात कर सकते हैं। इस नमाज़ से ज़िन्दगी में सकून, बरकत और अल्लाह की रहमत आती है। चलिए आज रात से तहज्जुद को अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बनाएं!
❓ FAQs
Q1. क्या तहज्जुद हर रात पढ़नी चाहिए?
हाँ, रोज़ पढ़ना बेहतर है, लेकिन हफ्ते में 2–3 बार भी शुरू किया जा सकता है।
Q2. क्या बिना वज़ू के तहज्जुद पढ़ सकते हैं?
नहीं, वज़ू करना ज़रूरी है।
Q3. क्या तहज्जुद में कुरान की लंबी सूराएं पढ़ना ज़रूरी है?
नहीं, छोटी सूराएं भी पढ़ सकते हैं, लेकिन दिल से पढ़ना ज़रूरी है।
Q4. क्या वित्र तहज्जुद से पहले पढ़ सकते हैं?
अगर सोने से पहले वित्र पढ़ चुके हैं, तो तहज्जुद बाद में पढ़ सकते हैं।
Q5. क्या रमज़ान के अलावा भी तहज्जुद पढ़ी जाती है?
जी हाँ, यह पूरे साल अदा की जा सकती है।
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