2025 के जून महीने में लखनऊ में अनुमानित तहज्जुद समय
लखनऊ का भौगोलिक महत्व
लखनऊ भारत के उत्तर में स्थित एक बड़ा शहर है, जिसकी longitude और latitude के अनुसार सूर्योदय और सूर्यास्त का समय तय होता है।
दिन-प्रतिदिन के समय का उदाहरण (जून 2025)
दिनांक ईशा का समय फज्र का समय तहज्जुद का समय (अनुमानित) 8 जून 8:00 PM 3:50 AM 1:00 AM - 3:40 AM 15 जून 8:02 PM 3:52 AM 1:10 AM - 3:40 AM 22 जून 8:04 PM 3:55 AM 1:15 AM - 3:45 AM
📌 नोट: यह समय अनुमानित है। सटीक समय के लिए लोकल मस्जिद या इस्लामिक ऐप्स देखें।
दिनांक | ईशा का समय | फज्र का समय | तहज्जुद का समय (अनुमानित) |
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8 जून | 8:00 PM | 3:50 AM | 1:00 AM - 3:40 AM |
15 जून | 8:02 PM | 3:52 AM | 1:10 AM - 3:40 AM |
22 जून | 8:04 PM | 3:55 AM | 1:15 AM - 3:45 AM |
तहज्जुद कैसे पढ़ें?
नियत और तकबीर
नियत के साथ उठकर वुज़ू करें और तकबीर (अल्लाहु अकबर) कहकर नमाज़ शुरू करें।
रकअत की संख्या
तहज्जुद की नमाज़ कम से कम 2 रकअत और अधिकतम 8 से 12 रकअत तक पढ़ी जा सकती है।
विशेष दुआएं और सज्दे
सज्दे में लंबी दुआ करें
रुकू और सज्दे को आराम से पढ़ें
हर रकअत में अलग सूरह जोड़ें
सज्दे में लंबी दुआ करें
रुकू और सज्दे को आराम से पढ़ें
हर रकअत में अलग सूरह जोड़ें
तहज्जुद के दौरान पढ़ने वाली खास दुआएं
"اللهم اغفر لي وارحمني واهدني وعافني وارزقني"
(हे अल्लाह! मुझे माफ कर, मुझ पर रहम कर, मुझे सीधा रास्ता दिखा, मुझे स्वास्थ्य दे और मुझे रोज़ी दे।)
"اللهم اغفر لي وارحمني واهدني وعافني وارزقني"
(हे अल्लाह! मुझे माफ कर, मुझ पर रहम कर, मुझे सीधा रास्ता दिखा, मुझे स्वास्थ्य दे और मुझे रोज़ी दे।)
तहज्जुद का समय लखनऊ में (Tahajjud Time in Lucknow)
तहज्जुद क्या है?
इस्लामी दृष्टिकोण से तहज्जुद की परिभाषा
तहज्जुद एक विशेष रात की नमाज़ है जिसे मुसलमान नींद से उठकर पढ़ते हैं। यह नमाज़ फर्ज़ नहीं है, लेकिन इसका दर्जा बहुत ऊँचा है। यह इबादत का वो तरीका है जो अल्लाह के सबसे करीबी बंदों की निशानी मानी जाती है।
कुरान और हदीस में तहज्जुद
कुरान में अल्लाह तआला फरमाते हैं:
"रात के कुछ हिस्से में उठकर नमाज़ पढ़ो, यह तुम्हारे लिए खास है."
— (सूरह अल-इसरा: 79)
हदीसों में भी तहज्जुद को नबी करीम (ﷺ) की पसंदीदा इबादत बताया गया है।
तहज्जुद की नमाज़ का महत्व
आत्मिक लाभ
तहज्जुद से आत्मा को सुकून मिलता है और यह दिल को अल्लाह की याद में स्थिर करता है।
मानसिक शांति और एकाग्रता
रात का समय जब सब सो रहे होते हैं, उस समय का सुकून मन को शांति देता है और इबादत में पूरी तवज्जो मिलती है।
अल्लाह से करीबी का एहसास
तहज्जुद वह समय है जब अल्लाह सबसे ज़्यादा करीब होता है। यह वो वक्त होता है जब दुआओं के कुबूल होने के दरवाजे खुले होते हैं।
लखनऊ में तहज्जुद का समय कैसे पता करें?
रोज़ बदलता समय और उसका कारण
तहज्जुद का समय ईशा और फज्र के बीच होता है। यह समय हर दिन बदलता है क्योंकि सूरज उगने और डूबने का समय हर दिन थोड़ा-थोड़ा बदलता है।
समय जानने के प्रमुख साधन
इस्लामिक ऐप्स और वेबसाइट्स
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Muslim Pro
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Aladhan
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IslamicFinder
इन ऐप्स और वेबसाइट्स में आप "Lucknow" सिलेक्ट करके तहज्जुद का समय जान सकते हैं।
मस्जिदों की घोषणा
अक्सर मस्जिदों में इमाम साहब announcements के ज़रिए तहज्जुद और फज्र का समय बताते हैं।
इस्लामिक कैलेंडर
हर साल इस्लामिक सेंटर द्वारा प्रकाशित होने वाले कैलेंडर में तहज्जुद, इफ्तार, सहरी आदि के समय उल्लेखित होते हैं।
क्या आप रोज़ तहज्जुद पढ़ सकते हैं?
नींद से जागना मुश्किल?
हाँ, शुरुआत में थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन नियमित अभ्यास से ये आदत में आ जाता है।
नियमितता बनाए रखने के टिप्स
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जल्दी सोने की आदत डालें
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अलार्म सेट करें
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फज्र से पहले उठने की नीयत बनाएं
महिलाओं के लिए तहज्जुद के फायदे
महिलाएं घर पर तहज्जुद पढ़ सकती हैं। ये उनके लिए न केवल आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करता है।
बच्चों को तहज्जुद की आदत कैसे डालें?
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उन्हें तहज्जुद का महत्व बताएं
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छोटे-छोटे उदाहरणों से उन्हें समझाएं
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शुरुआत में 2 रकअत से शुरू कराएं
तहज्जुद से जुड़ी आम गलतफहमियाँ
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तहज्जुद सिर्फ बुज़ुर्गों के लिए है ❌
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बिना नींद के तहज्जुद नहीं होता ❌
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यह बहुत लंबा पढ़ना ज़रूरी है ❌
इस्लामी विद्वानों की राय
कई विद्वान कहते हैं कि तहज्जुद इबादत का "हीरा" है। यह हर उस व्यक्ति के लिए ज़रूरी है जो अल्लाह से गहरा रिश्ता बनाना चाहता है।
तहज्जुद और तक़वा (ईश्वर-भक्ति)
तहज्जुद, तक़वा की ओर ले जाता है। जो अल्लाह को अकेले में याद करता है, वही सच्चा ईश्वर भक्त होता है।
निष्कर्ष
तहज्जुद एक ऐसी नमाज़ है जो इंसान को अल्लाह के करीब लाती है, मन को शांति देती है और आत्मा को रोशन करती है। लखनऊ जैसे शहर में, जहाँ दिनभर की भागदौड़ रहती है, तहज्जुद एक आत्मिक राहत बन सकती है। इसकी तैयारी आज से ही करें, ताकि आप कल इसका फल पा सकें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. तहज्जुद का सही समय कब शुरू होता है?
ईशा की नमाज़ के बाद और फज्र से पहले, विशेषकर रात के अंतिम तिहाई हिस्से में।
2. क्या बिना सोए तहज्जुद हो सकता है?
कुछ विद्वानों के अनुसार, तहज्जुद के लिए थोड़ी देर की नींद ज़रूरी है, लेकिन इरादे की पवित्रता भी मायने रखती है।
3. लखनऊ में तहज्जुद का टाइम कौन तय करता है?
इस्लामिक सेंटर, मस्जिद, ऐप्स और कैलेंडर की मदद से यह समय तय किया जाता है।
4. क्या महिलाएं तहज्जुद पढ़ सकती हैं?
जी हां, महिलाएं घर पर तहज्जुद की नमाज़ पढ़ सकती हैं।
5. तहज्जुद की दुआएं कहां मिलेंगी?
इस्लामी ऐप्स, किताबों, या मस्जिद के इमाम से संपर्क करके दुआएं प्राप्त की जा सकती हैं।
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