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chast namaz time in lucknow : लखनऊ में नमाज़ का समय

 

🕌 लखनऊ में चाश्त की नमाज़ का समय

लखनऊ के लिए रोज़ाना चाश्त की नमाज़ का औसतन समय

महीनासूर्योदय का समयचाश्त की नमाज़ शुरू
जनवरी7:00 AM7:20 AM – 11:30 AM
फ़रवरी6:40 AM7:00 AM – 11:00 AM
मार्च6:10 AM6:30 AM – 10:30 AM
अप्रैल5:30 AM5:50 AM – 10:00 AM
मई5:10 AM5:30 AM – 9:30 AM
जून5:10 AM5:30 AM – 9:30 AM
जुलाई5:20 AM5:40 AM – 9:45 AM
अगस्त5:40 AM6:00 AM – 10:00 AM
सितंबर6:00 AM6:20 AM – 10:20 AM
अक्तूबर6:20 AM6:40 AM – 10:30 AM
नवम्बर6:40 AM7:00 AM – 11:00 AM
दिसंबर7:00 AM7:20 AM – 11:30 AM

चाश्त की नमाज़ क्या है?

चाश्त की नमाज़, जिसे "सलात-उद-दुहा" भी कहा जाता है, इस्लाम में एक नफ़्ल नमाज़ है जिसे सुबह के वक़्त, सूरज निकलने के थोड़ी देर बाद से लेकर दोपहर से पहले तक पढ़ा जाता है।



इस्लामी दृष्टिकोण से चाश्त की नमाज़

यह नमाज़ पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (ﷺ) द्वारा नियमित रूप से पढ़ी जाती थी और उन्होंने इसके अनेक फ़ज़ीलतों का ज़िक्र किया है।

यह फ़र्ज़, सुन्नत या नफ़्ल?

यह नफ़्ल नमाज़ है, यानी पढ़ना ज़रूरी नहीं लेकिन इसका सवाब बहुत बड़ा है।


चाश्त की नमाज़ कब पढ़ी जाती है?

सूरज निकलने के बाद का समय

इस नमाज़ को सूरज निकलने के लगभग 15-20 मिनट बाद से शुरू किया जाता है।

चाश्त की नमाज़ का आदर्श समय

सबसे बेहतरीन वक़्त वह होता है जब दिन थोड़ा गरम होने लगे — यानी लगभग 9:00 AM से 11:00 AM के बीच।


लखनऊ में समय का निर्धारण कैसे करें?

स्थानीय समय और सूर्योदय

लखनऊ में सूर्योदय का समय हर महीने बदलता रहता है, इसलिए चाश्त की नमाज़ का वक़्त भी बदलता है।

इस्लामिक कैलेंडर बनाम ग्रेगोरियन कैलेंडर

इस्लामी समय हिजरी कैलेंडर पर आधारित होता है, लेकिन दैनिक नमाज़ों के वक़्त ग्रेगोरियन तारीख़ और सूर्योदय/सूर्यास्त को देखकर तय होते हैं।




चाश्त की नमाज़ की रकातें कितनी होती हैं?

कम से कम 2 रकात और अधिकतम 12 रकात तक पढ़ी जा सकती हैं। आमतौर पर लोग 2, 4 या 8 रकात पढ़ते हैं।


चाश्त की नमाज़ पढ़ने का तरीका

नियत कैसे करें?

"मैं दो रकात सलात-उद-दुहा पढ़ने की नियत करता हूँ, सिर्फ़ अल्लाह के लिए, अल्लाहु अकबर।"

कौन-कौन सी दुआएँ पढ़ी जाती हैं?

कोई विशेष दुआ अनिवार्य नहीं, लेकिन आप सूरह वाश-शम्स, सूरह ज़ुहा, सूरह अश-शरह आदि पढ़ सकते हैं।


इस नमाज़ के फज़ाएल (फायदे)

हदीसों में उल्लेखित लाभ

  • रोज़ाना सदक़ा देने के बराबर सवाब

  • गुनाहों की माफी

  • जन्नत का वादा


लखनऊ में चाश्त का समय कैसे जानें?

IslamicFinder और अन्य वेबसाइट्स

IslamicFinder.org और Muslim Pro जैसी वेबसाइट पर रोज़ाना का अपडेटेड समय मिलता है।

मोबाइल ऐप्स और मस्जिदों के एलान

Adhan App, Muslim Pro App जैसे मोबाइल ऐप भी समय दिखाते हैं। स्थानीय मस्जिदों में भी एलान किया जाता है।


चाश्त की नमाज़ और रोज़मर्रा की ज़िंदगी

इस नमाज़ को अपनी दिनचर्या में शामिल करना आपके दिन की शुरुआत को बरकत वाला बना देता है।


चाश्त और Duha में फर्क

चाश्त और Duha एक ही नमाज़ हैं, बस भाषाई फर्क है – Duha अरबी शब्द है और चाश्त उर्दू/हिंदी का।


चाश्त की नमाज़ छोड़ने पर क्या होता है?

कोई सज़ा नहीं है क्योंकि यह नफ़्ल नमाज़ है, लेकिन अल्लाह के नज़दीक एक बड़ा सवाब छूट जाता है।


चाश्त की नमाज़ महिलाओं के लिए

महिलाएं भी इस नमाज़ को अपने घर में आराम से अदा कर सकती हैं।


इस नमाज़ को नियमित कैसे बनाएं?

  • रोज़ सुबह अलार्म सेट करें

  • नीयत मजबूत रखें

  • 2 रकात से शुरुआत करें


लखनऊ में प्रसिद्ध मस्जिदें जहाँ यह नमाज़ अदा होती है

  • तेलीबाग मस्जिद

  • आसफुद्दौला इमामबाड़ा

  • बड़ा इमामबाड़ा परिसर

  • नदवा इस्लामिक सेंटर


निष्कर्ष

चाश्त की नमाज़ एक बेहद प्यारी और सवाबदार इबादत है जो हमारे दिन की शुरुआत को न सिर्फ़ पाक बनाती है, बल्कि हमारे दिल और ज़हन को भी सुकून देती है। लखनऊ जैसे शहर में जहाँ इस्लामिक तहज़ीब गहराई तक बसी हुई है, वहाँ इसे रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं।


FAQs

Q1. क्या चाश्त की नमाज़ रोज़ पढ़नी चाहिए?
हाँ, रोज़ पढ़ना बहुत अच्छा है, लेकिन अगर कभी छूट जाए तो कोई गुनाह नहीं।

Q2. क्या इस नमाज़ के लिए वज़ू ज़रूरी है?
बिल्कुल, वज़ू के बिना कोई भी नमाज़ नहीं होती।

Q3. क्या यह नमाज़ मस्जिद में पढ़ सकते हैं?
हाँ, लेकिन घर पर अकेले भी पढ़ सकते हैं। यह नफ़्ल नमाज़ है।

Q4. चाश्त की नमाज़ का सबसे बेहतर समय क्या है?
जब दिन थोड़ा गरम होने लगे, यानी 9 से 11 बजे के बीच।

Q5. क्या महिलाएं भी चाश्त की नमाज़ पढ़ सकती हैं?
बिल्कुल, महिलाएं भी घर में इसे पढ़ सकती हैं और इसका सवाब पा सकती हैं।

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